हम, हमारे विचार और हमारा सामर्थ्य
नमस्कार मेरे सभी भाइयों बहनों और प्यारे मित्रों
कल्पना कार्य सफलता असफलता
यह 4 शब्द ही मनुष्य के जीवन का उद्देश्य होते हैं हमारी कल्पना हमारा कार्य बन जाती है और सफलता असफलता के हम भोक्ता बन जाते हैं सफलता तो हमें खुशियां देती है पर असफलता हमें दुख देती है जबकि यह असफलता हमें हमारी कमी का ज्ञान कराती है हमें वह सिखाती है जिसे हम अपने कार्य में करने से चूक गए हैं पर सफलता का मोह हमें यह सीखने और समझने का अवसर नहीं देता पर कुछ विरले होते हैं जो सफलता और असफलता दोनों को श्रेष्ठ मानते हैं दोनों के लिए उत्सुक रहते हैं दोनों से अप्रभावित रहते हैं और निरंतर स्वयं के लिए चुनौतियों को चुनते हैं मनुष्य का ज्ञान तो यही कहता है कि बहुत लाभ चाहिए पर कार्य का नियम यह कहता है कि सफलता पाने के लिए कठोर परिश्रम दृढ़ निश्चय व असाधारण साहस चाहिए
जिन कार्यों को करने के लिए कुछ लोग सोचते रह जाते हैं उन्हीं कार्यों को साहसी लोग करने लग जाते हैं यह कार्य होगा या नहीं होगा इसका परिणाम क्या होगा इससे लाभ होगा या नहीं होगा यह मनुष्य के भाग्य और परिपक्व योजना के ऊपर निर्भर करता है पर जो लोग निर्भय होकर ऐसे चुनौतीपूर्ण कार्यों को स्वयं के लिए चुनते हैं उन्हें मनुष्यों में असाधारण कहा जाता है
परिपक्व बुद्धिमानो का कहना है कि मनुष्य के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है बस शर्त यह है की वह कार्य परिपक्वता दृढ़ता योजना सकारात्मकता और निर्भयता से करना चाहिए
हर कार्य के दो परिणाम होते हैं सफलता या असफलता
अगर सफलता मिली है तो जाहिर है कार्य को पूर्ण विधि से किया गया है और अगर असफलता प्राप्त हुई है तो कार्य को त्रुटिपूर्ण ढंग से किया गया है
मैं मानता हूं जिसके पास में प्रयोगो और विकल्पों की कमी नहीं है वह हमेशा सफल होता है हर कार्य में गुण और दोष होते हैं कठिनाइयां समस्याएं विरोध ऐसे दोष कार्य स्वयं उत्पन्न करता है फिर दूसरे अन्य लोग भी किसी भी कार्य को करने से पहले इन बातों को समझ लेना चाहिए कार्य के लिए क्या आवश्यक है क्यों आवश्यक है
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आप का स्नेही
चेतन श्री कृष्णा
7247089224
Priyanka Rani
12-Sep-2022 04:31 PM
Nice post
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Barsha🖤👑
12-Sep-2022 03:10 PM
Nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
11-Sep-2022 04:56 PM
लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब
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